Wednesday, October 31, 2018

राणा हिन्दवाणी(कविता)

: राणो हिन्दवाणी :-

   (हिंदवा सूरज महाराणा प्रताप )
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राणो हिन्दवाणी,
           हो सूरज हिन्दवाणी,

राणा उदयसिंह रो जायो,
        माता  जैयवन्त गोद खिलायो,
मायड़ भौम रो मान रखायो ,
               राणो हिन्दवाणी।।1।।

राणा हार कदै ना मानी,
              कोई हुयौ न इणरो सानी,
  होगी जग में अमर कहाणी,
                   राणो हिन्दवाणी।।2।।

अकबर दांव घणाई चलाया,
         जाळा भोत घणा है बिछाया,
पण जीत नहीं वो पाया,
                 राणो हिन्दवाणी।।3।।

राणो दर में नीं घबरायो,
            सूरो सांमै छाती आयो,
मुगल नै भोत घणो है छकायो,
                 राणो हिन्दवाणी।।4।।

अकबर सुतौ नींद में चमकै,
            राणो कालजिया में खमकै,
कठै सिर पर नीं आ धमकै,
                  राणो हिन्दवाणी।।5।।

रातुं नींदा मांहि जागै,
           पड़ै धरणी चक्कर   ख़ागै,
डर भोत घणो है लागै,
                   राणो हिन्दवाणी।।6।।

राजा मानसिंग नै बुलावै,
              बातां सगळी उणनै बतावै,
म्हानै डर घणो यो खावै,
                    राणो हिन्दवाणी।।7।।

करी भोत घणी है चढाई,
               राणो नाकां चणा चबाई,
आयौ सांमै खड़ग बजाई,
                    राणो हिन्दवाणी।।8।।

प्यारो चेतक इणरो घोड़ो,
             सरपट रण में ओ तो दौड़ो।
लारों दुस्मयां रो नीं छोड़ो,
                    राणो हिन्दवाणी।।9।।

राणो आजादी रो दीवानो,
           सिख्यो कोनी सीस  झुकाणो,
नाम अमर जग में  रखाणो,
                  राणो हिन्दवाणी।।10।।

ओ तो राठौड़ अजयसिंह गावै।
              गाथा महाराणा री सुनावै।
चरणां श्रद्धा फुल चढ़ावै,
                  राणो हिन्दवाणी ।।11।
रचयिता:-अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी।।

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अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी

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