----: माँ करणीजी अर रावत कांधलजी:---
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@अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी
माँ भगवती करणी जी रो जलम सुवाप गांव रा मेहाजी रे घरां देवल री कुख सूं विक्रम सम्वत 1444रा आसोज रे चानणी सातम शुक्रवार नै हुयौ ।दूहो :--
"आसो मास उजाल पख,सातम शुक्रवार।
चौदह सौ चोमालवै ,आई लियौ अवतार।।
माँ करणी जी हिंगलाज आवड़ जी रो औतार मानीजै करणी जी री राठौड़ी राज री थापना मांय अणुतो आशिर्वाद अर मार्गदर्शन रैयो आप रिडमलजी नै नोकोटि मारवाड़ रा राजा बणनरो वरदान दीन्यो रिडमलजी जी री मौत रे पाछै जोधाजी अर कांधल जी माँ करणीजी रे कनै देसनोक आवीया जद माता जी जोधा कांधल जी परिया छत्र छाया राखी अर आपरै देखभाल मांय राख्या पछे कावनी मांय डेरा लगाया अर माता करणीजी रा आशीर्वाद अर आपरै दम सूं राठौड़ां मण्डोर पाछो जीत लियौ ।दूहो:
"पग इक पड़ा मेवाड़ में,दूजा मरुधर मांय।
मरुधर पाछी लीजिते, रावत नाम टिकाय।।"
मण्डोर जीत्या पछै जोधा जी चिड़ियाटूंक पहाड़ी माथै गढ़ बणावण री सोची जद बठै रैवण हालो मोड़ो चिड़ियानाथ आपरौ धुणो नीं हटावण रो कैयौ अर सराप देवण री डरावण दीनी जणा रावत कांधल जी जोधाजी नै माँ करणी नै बुलावण रो कैयौ अर पछे आप कांधल जी खुद माँ करणी जी सूं देसनोक आय'र साथै चाल'र गढ़ री नींव लगावण री अर्ज कीनी जद माँ करणी जी रावत कांधल जी रे साथै आय'र जोधपुर गढ़ री थरपना कीनी।इण मुजब आ कैबत चालै कै जद माँ करणी जी आवंता दिख्या जणा चिड़ियानाथ आ कैय'र अबै तो भगवती जोगमाया खुद थरपना करण आवण लाग रैया ह जणा जावणो ई पड़सी जद आपरौ धुणो सुलगतो ई भाखलां मांय घाल'र मोढ़े माथै धरगे चल्यो गयौ ।
इणी तरुं जद दसरावै रे दिन जद कांधल जी राव जोधा जी रे ऐक मैणा माथै आपरै भतीज बीका जी नै नूंवो राज बणावण परियां चाल्या अर साथै थोड़ाक आदमी लेय'र चुण्डासर आय रैया पाछै कांधल जी बीकाजी नै लेय'र माँ करणी जी कनै आय'र आसीस लीवी अर कैयौ कै आप तो सै क्यु जाणो हो जद माँ करणी जी कांधल बीका नै आपरै हिवड़ै लगाय कैयौ कै थारौ मनचावौ हुसी जद माँ करणी कांधल जी नै कैयौ कै थै सगलै कुडुम्बा रै साथै म्हां कनै देसनोक आय रैवो अर फौज चुण्डासर राखो इण तरु कैई दिन आपरै कनै राख'र कोडमदेसर जाय'र रैवण रो कैयौ जणा कोडमदेसर जाय नै रैया अर बीकाजी करणी जी रे कैवण सूं बठै भैरवनाथ री थापना किणी पाछै माँ करणी रे आशीर्वाद सूं बीकाजी रो ब्याव राव शेखा री बेटी रँगकुंवरी साथै किन्यो उण टैम जद माँ करणी जी शेखा जी नै मुलतान सूं छुड़ा'र लाया जणा शेखा जी तो आँगण मांय चल्या गया अर करणी जी नै बारै पोल माथै ई भुलग्या जद पाछै ठाव पड़ियो कै बाईसा करणी जी तो पोल परियां रैग्या जणा उतावला सा बारै आया जद काँई दैखे कै करणी जी तो कांधल जी सूं हाँस हाँस'र बातां करण लागरैया ह जणा शेखा जी आय'र क्षमा मांग'र आंगणै पधारण रो कैयौ जणा माँ करणीजी बोल्या कै अबै नीं आज पाछै हूँ थारै पौल माथै अर राठौड़ां रै घर आंगणै मांय रहस्युं जद स्यूं ई माँ करणी जी राठौड़ां रे घरां आंगणै मांय पूजीजै अर भाटीया रे पौल माथै।पाछै माँ करणी जी उठै सूं देसनोक पधारिया अर कांधल जी बरात रै साथै आपरै ठोड़।माँ करणी जी राठौड़ां माथै बेजां टुठया अर राठौड़ी राज थरपना मांय घणो आशीर्वाद रैयो।दूहो:--
"आवड़ तूठी भाटीयां,कामेही गोड़ाह।
श्री बिरवड सिसोदिया,करणीजी राठौड़ाह।।"
इणी तरुं जद कांधल जी आपरै भतीज बीका खातर बीकानेर राज बणाय'र आपरो कौल पुरो करियौ जद राजतिलक री तैयारी मांय कांधल जी लाग्योड़ा हा अर देखभाल सारू जद दरबार रे मांय आया जणा देख्यो कै गादयां तीन लाग्योड़ी जद नोकर सूं पूछ्यौ जद ठाव पड़ियो कै गादी तीन बीकाजी रे कैवण सूं लागैजी जद बीकाजी बुलाय पूछियो जणा बीकाजी कैयौ कै एक आपरी एक बीदाजी अर एक म्हारी जद कांधल जी कैयौ कै राजा तो एक ही होसी अर आपरै भाला री अणी सूं दो गादी उठाय'र एक माथै राख दीनी अर आप खुद जाजम माथै विराजिया इण साख रो ओ दूहो घणो जगचावौ।
"कांधल बांके वीर रो सादो सरल स्वभाव।
भूपति कीयो भतीज ने आप रयो उमराव।।
रावत कांधल जी खुद बीकाजी नै राजा थरपिया उण बखत माँ करणीजी आप नीं पधारिया आपरै बड़ा बेटा पुनोजी नै झाड़बेरी रा पांच पता सुगण रा देय'र भेजिया हा पाछै कांधल जी बीकाजी नै लेय'र सगळा कडुम्बा रे साथै माता करणीजी रा पांव लागण देसनोक पधारिया जणा माता जी आसीस दीवी इण टैम बीदा जी माँ करणीजी सूं कैयौ कै काका कांधल जी आप बी राजा कोनी बण्या अर म्हारो हक बी मार दीन्यो जद माँ करणीजी कैयौ कै कांधल जी जिकौ काम करियौ बो और कोई नीं कर सकै कांधल जी ओ सै क्यूं भगवती आवड़ जी अर म्हारी मनचावा सूं किन्यो ह अर बीकाजी सूं कैयौ कै काका कांधल रो उपकार कदै ना भुलज्यो अर जद तांई थारी औलाद कांधल जी री औलाद रो सम्मान करती रैवैली थारौ राज चालतो रहसी इण साख रो ओ दुवौ घणो जग चावो।
" कमधज कदै न बिसरै, कांधल तणो उपकार।
उण कांधल भांजे जबर, चौदह भूमि चार।।
पाछै माँ कांधल जी नै कैयौ कै थारौ त्याग अर बलिदान अमर रहसी जद बी थारै वंश मांय चार बेटा होसी उण मांय एक मांय थारा गुण रहसी अर वो कुडुम्बा भलो करसी।
इण तरु माँ करणी जी री कांधल जी परियां घणी किरपा ही ऐडा घणा ई किस्सा इतिहास री किताबां मांय अर माँ करणी जी री गाथावां अर लोक मांय भरिया पड्या ह जिका ऐडा मोका बात चालै जणा लोग घणे चाव सूं सुणे अर सुनावै। जय माँ करणी जी ।जय रावत कांधल जी।
प्रस्तुति :- अजयसिंह कांधल ठिकाणा सिकरोडी
Very nice hukm
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