🙏🌷जयमलजी राठौड़🌷🙏
🌷🌷जयमलजी मेड़तिया राठौड़ री यशगाथा🌷🌷
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लेखक:-अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी
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🙏🌷गीत:-जयमल राठौड़🌷🙏
राठौड़ी राठौड़ी जयमल राठौड़ी।
हो जयमल राठौड़ी।
हो ओ तो वीरम जी रो जायो ।
माता चालुक्यी गोद ख़िलायो।
थारौ लाड घणो है लडायो।1।
राजा राठौड़ी हो जयमल राठौड़ी।
मायड़ शिक्षा थानै दिलाई।
पिता रणकौशल है सिखाई।
खड़गां रण माँहि खड़काई।2।
राजा राठौड़ी....
रैया रात दिवस है रण में।
कीरत गूंजे है कण कण में।
थै तो बस्या हो म्हारै मन में।3।
राजा राठौड़ी......
जयमल जोध जबर है कहियो।
मेवाड़ी राणा संग में रहियो।
साथै सुख दुख उणरै सहियो।4।
राजा राठौड़ी........
अकबर गढ़ चितौड़ पै आयो।
सगळी फौजां साथै ल्यायो।
पण पार नहीं वो पायो।5।
राजा राठौड़ी.......
उदयसिंघ पहाड़ां मांहि जावै।
किलो जयमल नै सम्भलावै।
संग में पत्ता कल्ला वीर रह जावै।6।
राजा राठौड़ी.........
अकबर दांव घणा ही चलाया।
जुल्म भोत घणा फिर ढाया।
गढ़ पर गोला भी बरसाया।7।
राजा राठौड़ी........
जयमल सामां छाती आयो।
खांडो मुगलां पर खड़कायो।
अरिदल मार घणो ही गिरायो।8।
राजा राठौड़ी.......
अकबर छळ कपट है रचाई।
गोली जयमलजी पै चलाई।
टांगा दोन्यूं है कट ज्याई।9।
राजा राठौड़ी.....
जयमल पत्ता सब बतलाया।
रंग अब केसरिया घुलवाया।
कल्लाजी जोश घणो फिर खाया।10।
राजा राठौड़ी........
काको कांधै पर है चढायो।
रूप चतर्भुज रो बणायो।
च्यारूं हाथां खांडो चलायो।
अकबर देखनै चक्कर खायो।11।
राजा राठौड़ी.......
मुगला भोत घणा फिर मारया।
दोन्यां रौद्र रूप है धारया।
मुगलिया देख देख घबरा रया।12।
राजा राठौड़ी........
जयमल कल्ला सुरगां धाया।
संग में पत्ताजी वीर सवाया।
पण सीस नहीं है झुकाया।13।
राजा राठौड़ी.......
गाथा राठौड़ अजयसिंह गावै।
सूरां रै चरणां सीस नवावै।
मनड़ो हरख हरख नै जावै।14।
राजा राठौड़ी हो जयमल राठौड़ी।।
🙏@अजयसिंह राठौड़ ठिकाना सिकरोड़ी🙏
Sadar aapki lekhni ko naman
ReplyDeleteधन्यवाद सा
Deleteजय हो 🙏👏👏👏👍
ReplyDeleteसाँगा कुम्भा जयमल पात्ता।
पद्मा कर्मा बाघ सिंह दात्ता।।
जौहर साका जौहर साका।
सूर कटण सूं कदै न थाका।।
जय हो
ReplyDeleteJay ho surviro no naman
ReplyDeleteसादर वन्दन सा
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